उत्तम कृषि पद्धतियाँ
सामान्य दिशानिर्देश
अच्छी कृषि पद्धतियाँ (जी.ए.पीएस) सिद्धांतों, नियमों और उत्पादन, प्रसंस्करण तथा खाद्य परिवहन पर लागू तकनीकी अनुशंसा, मानव स्वास्थ्य देखभाल, पर्यावरण संरक्षण तथा श्रमिकों और उनके परिवारों के परिस्थितियों में सुधार इत्यादि का एक समूह हैं । जी.ए.पी., जैसा कि एफ.ए.ऑ. द्वारा परिभाषित किया गया है, "कृषि उत्पादन और पोस्टप्रोडक्शन प्रक्रियाओं के लिए लागू होने वाले सिद्धांतों, जिसके परिणामस्वरूप आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित और स्वस्थ भोजन तथा गैर-खाद्य कृषि उत्पाद प्राप्त होते हैं, का संग्रह है ।" जी.ए.पी. के कार्यान्वयन से लगातार कृषि को बढ़ावा देने में मदद मिलती है और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण और सामाजिक विकास के उद्देश्यों को पूरा करने में योगदान प्राप्त होता है । प्रलेखित किया गया है कि जीएपी के कार्यान्वयन से कीटनाशकों, उर्वरकों और पानी और पर्यावरण के अनुकूल कृषि जैसे संसाधनों के इष्टतम उपयोग को बढ़ावा मिलता है । इसका सामाजिक आयाम कृषि श्रमिकों के स्वास्थ्य को रसायनों और कीटनाशकों के अनुचित उपयोग से बचाना होगा । संबंधित दिशानिर्देश सोयाबीन के उत्पादन, कटाई, भंडारण आदि पर लागू होते हैं । किसान सुरक्षित और प्रीमियम सोयाबीन का उत्पादन करने के लिए उचित उपाय अपना सकते हैं ।
- ऐसी किस्मों का पता लगाना जो जैविक (खरपतवार, कीट-फतंगा और रोग) और अजैविक (सूखा, गर्मी) प्रतिरोधी हों ।
- 2 से अधिक किस्मों के पौधे लगाएं (वैराइटी कैफेटेरिया दृष्टिकोण) ।
- बरसात के शुरु होने से पहले अंकुरण के लिए बीज का परीक्षण करें ।
- 3 से अधिक मौसमों के लिए बीज का दोबारा प्रयोग न करें।
- ट्राइकोडर्माविराइड 5 ग्राम/किलोग्राम बीज की पोटेंट कलचर के साथ, ब्रैडी राइजोबियम जैपोनिकम और पीएसबी/पीएसएम, दोनों को 5 ग्राम/किलोग्राम बीज पर इनोकुलेट किया गया ।
- पोषक तत्वों के आवश्यक स्तर को सही स्रोतों के माध्यम से सही समय और सही जगह पर उपयोग करें
- जैविक खाद और पुरानी/अच्छी तरह से कम्पोस्ट खाद का प्रयोग करें ।
- खड़ी फसल में किसी तरह की कोई भी नाइट्रोजनयुक्त उर्वरक न डालें।
- उर्वरकों को सूखी, साफ और उपर से ढ़की हुई जगह (शेल्टर) पर रखें।
- सूखे या अधिक बारिश के प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए सोयाबीन की प्रत्येक 3/6/9 पंक्तियों के बाद ब्रॉड बेड फ़रो (बीबीएफ) या रिज फ़रो (एफआईआरबीएस) या ओपन फ़रो से सोयाबीन लगाएं ।
- बीज सूचकांक और अंकुरण क्षमता के आधार पर आवश्यक बीज दर लगाऐं ।
- रोपण ज्योमेट्री को बनाए रखें ।
- देर से बुवाई में 1.25 गुना बीज मात्रा का प्रयोग करें ।
- हमेशा बचाव के तरीके अपनाएं । उदाहरणार्थ रोगमुक्त बीजों का उपयोग करना, फसल चक्र और अंतरफसल को अपनाना, कीट निवारक मूल्य वाली फसलें (ट्रैप क्रॉप-सुवा) और संक्रमित/रोगग्रस्त सामग्री को तुरंत हटाना हैं ।
- स्वयं नियंत्रण उपायों को अपनाएं । उदाहरणार्थ साधारण हाथ से चुनना, जाल खड़ा करना और मल्चिंग करना ।
- यदि वास्तव में आवश्यक हो तो जैव कीटनाशकों / सिंथेटिक कीटनाशकों का प्रयोग करें ।
- रासायनिक रोटेशन करते रहें ।
- निर्धारित समय सीमा में निराई-गुड़ाई करें ।
- पंजीकृत कीटनाशकों की क्रय और उपयोग करें ।
- तेज हवा और भारी बारिश के दौरान कीटनाशकों का प्रयोग न करें ।
- कीटनाशक के लेबल पर विदहोल्डिंग अवधि (अर्थात कीटनाशक एप्लीकेशन और कटाई के बीच का अंतराल) का सख्ती से पालन करें ।
- कीटनाशकों को उसी कंटेनरों में रखें और उन्हें अच्छी तरह हवादार स्थान पर कसकर बंद करके रखें ।
- अन्य उपयोग के लिए कीटनाशक कंटेनरों का बार-बार उपयोग न करें ।
- सुरक्षात्मक कपड़ों के पूरे सेट के साथ कीटनाशकों का छिड़काव करें ।
- सूक्ष्म सिंचाई विधि जैसे ड्रिप या स्प्रिंकलर को अपनाएं।
- आवश्यक अवस्था जैसे अंकुर, फूल का आना और फली के लगने के दौरान लंबे समय तक सूखा रहे तो खेतों की सिंचाई सुबह जल्दी, या देर शाम को या रात में करें ।
- मिट्टी में दरारें पड़ने से पहले सोयाबीन की फसल की सिंचाई करें ।
- पानी के असमान प्रयोग से बचें ।
- फली टूटने से होने वाले नुकसान से बचने के लिए फसल के तैयार होने (परिपक्वता) के सही चरण में कटाई करें ।
- यदि उत्पादन को बीज प्रयोजन के लिए उपयोग की जाती है, तो थ्रेशर के 350 से 400 आरपीएम की गति से सामग्री को थ्रेस करें ।
- यदि उपज को अगले सीजन के लिए बीज के रूप में रखा जाता है, तो बीज को 40 किलो से अधिक की क्षमता वाले बोरियों में ठंडे और सूखे स्थान पर स्टोर करके रखें ।
- कंटेनर, टूल्स, उपकरण, पैकिंग और भंडारण क्षेत्रों को हमेशा साफ सुथरा रखें ।