राजभाषा विभाग
भारतीय संविधान में हिन्दी को संघ की राजभाषा के रूप में स्थापित किया गया है एवं संविधान के भाग सत्रह, अनुच्छेद तीन सौ इक्यावन में वर्णित है कि राजभाषा हिन्दी को इस तरह से विकसित किया जाए ताकि वह भारत की विविध संस्कृति को व्यक्त करने में समर्थवान हो । अतः राजभाषा के रूप में हिन्दी की भूमिक अत्यंत महत्वपूर्ण तथा दायित्व-युक्तहै । इस उद्देश्य का वहन करते हुए भा.कृ.अनु.परि.–भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर में राजभाषा हिन्दी के प्रसार-प्रचार हेतु अनेकानेक कार्यक्रम किए जा रहे हैं । जिनका स्वरूप भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान में राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति के साथ दृष्टिगोचर होते हैं,जो राजभाषा के प्रगामी प्रयोग में अत्यंत सार्थक सिद्ध हो रहे हैं। इस क्षेत्र में किए जा रहे क्रियाकलापों का संक्षिप्त विवरण निम्नवत् हैं :
क)राजभाषा नियम,1976 के नियम 8 का अनुपालन :
संस्थान के अधिकारी एवं कर्मचारी शासकीय कार्यों हेतु राजभाषा नियम,1976 के नियम 8 के उपनियम (1) तथा (4)के अनुसार लिखे जाने वाली टिप्पणियाँ एवं अन्य कार्य हिन्दी में करते है ।
ख)राजभाषा कार्यान्वयन समिति की तिमाही बैठक :
• प्रथम बैठक : : दिनांक 07,अप्रैल , 2023
• द्वितीय बैठक : दिनांक 06, जुलाई, 2023
• तिमाही बैठक : दिनांक 11, अक्टूबर, 2023
ग) हिन्दी कार्यशालाएं :
हिन्दी कार्यशालाएं :संस्थान के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की हिन्दी में कार्य करने के दौरान होने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु संस्थान में हिन्दी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है । इसके अतिरिक्त कार्यशालाओं के आयोजन का मुख्य ध्येय यह भी होता है कि हिन्दी का प्रयोग किस प्रकार सरल से सरलत्तम् की ओर बढ़ाया जा सकता है । इसलिए प्रत्येक तिमाही में कम से कम एक हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। ताकि संस्थान के सभी सवंर्गों में हिन्दी में कार्य संपन्न करने का रूझान में उत्तरोत्तर प्रगति हो सके । इस उद्देश्य हेतु संबंधित विषयानुसार कार्यशालाएं सम्पन्न की जाती है । 2023 में अब तक 04 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसकी सूचि इस प्रकार से है :
क्र. | दिनांक | विषय | अतिथि वक्ता |
1. | 21 अप्रैल 2023 | विश्व पटल पर हिंदी का प्रयोग और स्वीकार्यता | श्री राजेश श्रीवास्तव, भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर। |
2. | 31 अगस्त 2023 | हिंदी के द्वारा ही पुरे भारत को एक सूत्र में पिरोया जाता जा सकता है| | डॉ. संतोष मोहंती सेवा निर्वृत प्रबंधक बैंक ऑफ़ बडोदा एवं साहित्कार, इंदौर| |
3. | 14 सितम्बर 2023 | राजभाषा नीतियों का क्रियान्वन| | डॉ. लक्ष्मण शिंदे विभागअध्यक्ष शिक्षा, अध्यन शाला देवी अहिल्या विश्व विध्यालय, इंदौर| |
4. | 4 दिसम्बर 2023 | हिंदी भाषा के विकास में आगे क्या पहल होना चाहिए| | डॉ. श्याम सुंदर पलोड़ विभागध्यक्ष एवं प्रशासक, संस्कार कॉलेज ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज, धार रोड , इंदौर| |
घ) प्रशिक्षण :
संस्थान में राजभाषा के प्रचार-प्रसार हेतु कृषकों एवं प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण संबंधित सारी सामग्रियाँ हिन्दी में प्रदान की जा रही है ।
ङ) शब्दकोश में वृद्धि :
संस्थान में प्रतिदिन एक शब्द हिन्दी एवं अंग्रेजी को द्विभाषी रूप में “आज का शब्द” के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है, ताकि कर्मचारियों, अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों के हिन्दी शब्द ज्ञान में वृद्धि करने के साथ ही साथ कार्यालयीन उपयोग में भी सहायता प्राप्त हो सके ।
च)अनुवाद द्विभाषी प्रपत्र :
संस्थान में कार्यालयीन कार्य में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न पत्रों, प्रपत्रों आदि का अनुवाद कार्य भी प्रगति पर है, जिससे दैनिंदिन के साथ ही प्राय: प्रयुक्त होने वाले सभी पत्रों, प्रपत्रों के द्विभाषी मुद्रित रूप को प्रभावी किया जा सके। यह कार्य राजभाषा क्रियान्वयन की दिशा में स्थाई एवं आधारभूत उपलब्धि है।
छ) राजभाषा तिमाही रिपोर्ट का प्रेषण :
संस्थान में राजभाषा हिन्दी से संबंधित समस्त कार्यों का विवरण तिमाही हिन्दी रिपोर्ट के माध्यम से संबंधित विभागों को ऑनलाइन एवं द्रुतगामी डाक सेवा से प्रेषित किया जाता है । इस कार्य को धरातलीय रूप प्रदान करने में संस्थान के समस्त संबंधित अनुभाग का सक्रिय एवं सराहनीय योगदान होता है ।
ज) राजभाषा अधिनियम,1963 की धारा 3(3) :
संस्थान में राजभाषा अधिनियम,1963 की धारा 3(3) से संबंधित दस्तावेजों जैसे : सामान्य-आदेश, अधिसूचनाएं,प्रेस विज्ञप्तियाँ, संविदा, करार, लाइसेंस, पर्मिट, टेंडर के फार्म और नोटिस,संकल्प नियम इत्यादि को (हिन्दी और अंग्रेजी)द्विभाषी रूप में निकाला जाता है,ताकि राजभाषा संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन सतत होता रहे ।
झ) यूनिकोड की सुविधा :
संस्थान के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की हिन्दी में कार्य करने की रूचि में वृद्धि करने हेतु समस्त कम्प्यूटर में हिन्दी यूनिकोड की व्यवस्था प्रदान की गई है, जिससे एक समान फॉन्ट के माध्यम से पूरा संस्थान एक ही दिशा की ओर अग्रसर हो सके ।
ञ)मौलिक लेखन कार्य का प्रादुर्भाव :
संस्थान में राजभाषा संबंधी विभिन्न क्रियाकलापों के साथ मौलिक लेखन कार्य को द्रुतगामी आयाम प्रदान करने में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की रूचि अद्वितीय है । विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा इनकी लेखनी को स्थान प्राप्त होते हैं ।
ट)हिन्दी पत्रिका “सोयवृतिका” का विमोचन :
संस्थान के राजभाषा अनुभाग द्वाराहिन्दी पत्रिका के प्रथम अंक का विमोचन दिनांक 11 दिसंबर 2020 को स्थापना दिवस के अवसर पर किया गया। पत्रिका में रचनाकारों ने स्वः अभिव्यक्ति के माध्यम से लेख / आलेख, कविताऐ तथा शोध पत्र द्वारा योगदान प्रदान किए, जिससे पत्रिका रोचक एवं ज्ञानवर्धक बन पाया है ।
राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में भा.कृ.अनु.परि – सोयाबीन अनुसंधान संस्थान की प्रगति आख्या का एक स्वर्णिम झलक आपके समक्ष प्रस्तुत है। उपरोक्त गतिविधियों पर यदि दृष्टिपात करें तो ज्ञात होता है कि संस्थान में राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में एक सकारात्मक एवं सार्थक कार्य चल रहा है,जो संस्थान में हिन्दी के सुनहरे भविष्य का आभास कराती है ।
भा.कृ.अनु.प. - भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इन्दौर में हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन दिनांक 14-29 सितंबर 2023 में किया गया | हिंदी पखवाडा कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक महोदय डॉ कुँवर हरेन्द्र सिंह ने किया| उद्घाटन समारोह में विशिष्ठअतिथि के रूप में डॉ लक्ष्मण शिंदे विभागाध्यक्ष शिक्षा अध्ययन शाळा देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इंदौर को आमंत्रित किया गया था| हिन्दी पखवाड़ा के माध्यम से हमारा यह प्रयास रहा है कि संस्थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की रूचि हिन्दी में काम करने के प्रति निरंतर बढ़ती रहे तथा राजभाषा हिन्दी का प्रगामी विकास और प्रचार-प्रसार निरंतर होता रहे । परिषद् के दिशा-निर्देश एवं हिन्दी के क्षेत्र में संस्थान द्वारा प्राप्त गरिमा को बनाए रखने के लिए दिनांक 14-29 सितंबर 2023 के दौरान “हिन्दी पखवाड़ा-2023” का आयोजन पूर्ण हर्षोल्लास के साथ किया गया। हिन्दी पखवाड़ा के दौरान विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गया|
हिन्दी पखवाड़ा के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जो निम्न्वत है :-
हिन्दी पखवाड़ा-2023 का उद्घाटन समारोह दिनांक 14 सितम्बर 2023 को संस्थान के निदेशक एवं अध्यक्ष, राजभाषा कार्यान्वयन समिति डॉ. कुँवर हरेन्द्र सिंह, विशिष्ठअतिथि के रूप में डॉ लक्ष्मण शिंदे विभागाध्यक्ष शिक्षा अध्ययन शाळा देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इंदौ डॉ. पुनम कुचलान, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी अधिकारी (राजभाषा); अनुभाग प्रभारी - फसल उत्पादन, डॉ. बी.यू. दुपारे, प्रधान वैज्ञानिक तथा अनुभाग प्रभारी - फसल संरक्षण, डॉ. एम.पी. शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा भा.कृ.अनु.प.- भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, के प्रेम स्वरुप भटनागर व्याख्यान कक्ष में कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया |सबसे पहले डॉ. पुनम कुचलान, प्रभारी अधिकारी – राजभाषा ने हिन्दी पखवाड़ा – 2023 में होने वाले विभिन्न प्रतियोगिता कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की| उद्घाटन समारोह के विशिष्ट अतिथि ने हिंदी दिवस पर अपना व्याख्यान दिया | इस समारोह के दौरान संस्थान के निदेशक महोदय, डॉ. कुँवर हरेन्द्र सिंह ने राजभाषा के प्रगामी प्रयोग के साथ ही साथ अनुसंधान के प्रचार-प्रसार, संप्रेषण एवं मौलिक लेखन सहित शोध-पत्रों तथा तकनीकी लेखन का कार्य शत्-प्रतिशत हिन्दी में करने हेतु कर्मचारियों एवं अधिकारियों को स्वयं समर्पण करने की प्रेरणा प्रदान की |संस्थान में हिन्दी के निरंतर प्रयोग एवं उसके प्रति समर्पण के द्वारा उसे अत्यधिक समृद्ध बनाने एवं दैनिक काम-काज में हिन्दी के प्रयोग करने पर बल दिया ।
हिन्दी पखवाड़ा – 2023 के दौरान आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताएँ |
- दिनांक 15 सितंबर 2023 को अपराह्न 03.00 बजे तक संस्थान के कुशल सहायक ग्रेड के कर्मचारियों हेतु हिन्दी में श्रुतिलेखन-प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया, जिसके निर्णायक श्री संजय पाण्डेय एवं श्री आई आर. खान ने किया |
- दिनांक18 सितंबर 2023 को अपराह्न 03.00 बजे संस्थान के समस्त कार्मिकों हेतु प्रोत्साहन योजना के आवेदन का मूल्यांकन किया गया, जिसके निर्णायक समिति के सदस्य डॉ. महावीर शर्मा, डॉ. बी.यू दुपारे डॉ. ज्ञानेश सातपुते डॉ. पुनम कुचलान, सौरभ मीणा थे| ।
- दिनांक 20 सितंबर 2023 को अपराह्न 03.00 मौलिक हिंदी स्लोगन प्रतियोगिता’(विषय: “श्रीअन्न”) का आयोजन किया गया इस प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. संजय गुप्ता एवं श्याम किशोर वर्मा थे ।
- दिनांक 21 सितंबर 2023 को अपराह्न 03.00 बजे को संस्थान के समस्त कर्मचारियों के लिए टिप्पण लेखन प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया । इस प्रतियोगिता के निर्णायक श्री संजय पाण्डेय तकनिकी अधिकारी एवं श्रीमती प्रियंका सावन सहायक प्रशासनिक अधिकारी थे ।
- दिनांक 22 सितम्बर, 2023 को संस्थान के समस्त कर्मचारियों के लिए हिन्दी में निबंध लेखन विषय: "हिन्दी - पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक") प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया । इस प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ विनीत कुमार एवं डॉ. सविता कोल्हे, प्रधान वैज्ञानिक थे ।
- दिनांक 25 सितम्बर 2023 को संस्थान के समस्त कर्मचारियों हेतु प्रस्तुतीकरण कुशलता( सोयाबीन के व्यंजन विधि (Recipe) के विषय पर प्रस्तुतीकरण प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया इस प्रतियोगिता के निर्णायक एवं डॉ. सविता कोल्हे, प्रधान वैज्ञानिक एवं डॉ. पुनम कुचलान प्रधान वैज्ञानिक थे ।
- दिनांक 27 सितम्बर, 2023 को संस्थान के समस्त कर्मचारियों हेतु प्रश्न-मंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । समस्त प्रतियोगिताओं में कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता का प्रदर्शन किया तथा प्रतियोगिता के माध्यम से अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हिन्दी के प्रति और अधिक कार्य करने का उत्साह और प्रेरणा जागृत हुई इस प्रतियोगिता का संचालन डॉ. पुनम कुचलान, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी अधिकारी राजभाषा ने किया ।
- दिनांक 29 सितम्बर 2023 को हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रम का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह संपन्न हुआ, जिसमे सभी पात्र प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया तथा इस कार्यक्रम के सफल संचालन एवं समापन पर संस्थान के निदेशक डॉ कुँवर हरेन्द्र सिंह द्वारा सभी प्रतिभागियों को बधाई एवं शुभकामनाओं के साथ हिंदी में अधिक से अधिक कार्य करने का अनुरोध किया गया।
- हिन्दी पखवाड़ा – 2023 का ‘पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह’ कार्यक्रम दिनांक 29 सितम्बर 2023 को पूर्ण हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया ।
- कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ कुँवर हरेन्द्र सिंह द्वारा किया गया।
- कार्यक्रम में स्वागत भाषण एवं हिन्दी पखवाड़ा 2023 का संक्षिप्त प्रतिवेदन डॉ. पुनम कुचलान, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी अधिकारी राजभाषा द्वारा प्रस्तुत किया गया।
- संस्थान के निदेशक के कर-कमलों द्वारा समस्त विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार व प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया । उन्होंने विजेता प्रतिभागियों का उत्साह-वर्धन करते हुए हिन्दी के प्रगामी विकास एवं कार्यो के प्रति अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सराहना की ।
- ‘पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह’ कार्यक्रम का संचालन श्री श्याम किशोर वर्मा, ने द्वारा किया गया ।
संस्थान में आयोजित “हिन्दी प्रोत्साहन योजना 2023” का भी आयोजन किया गया, जिसके विजेता अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी हिंदी पखवाड़ा –2023 के “पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह” के दौरान पुरस्कृत किया गया । हिंदी पखवाड़ा –2023 के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में निम्न प्रतिभागियों ने विजेता सूची में स्थान प्राप्त किया है तथा संस्थान में राजभाषा कार्यांवयन में अपना सक्रिय योगदान दिया । विजेता प्रतिभागियों की सूची निम्नवत है :-
क्र. | विषय | प्रथम स्थान | द्वितीय स्थान | तृतीय स्थान |
1. | श्रुतिलेखन प्रतियोगिता | श्री बलबीर सिंह | श्री संजीव कुमार | श्री दीपक |
2. | टिप्पण लेखन प्रतियोगिता | श्री राकेश कुमार शाक्या | डॉ निखिलेश पंड्या | रुपाली टेकाडे |
3. | मौलिक हिंदी स्लोगन (विषय: श्री अन्न) | श्री राकेश चन्द्र शाक्या | सुश्री पूर्णिमा | डॉ निखिलेश पंड्या |
4. | निबंध (विषय: पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुधिमत्ता की ओर) | श्री श्याम किशोर वर्मा | सुश्री पूर्णिमा | डॉ संजय पांडे |
5. | प्रस्तुतिकरण कुशलता (सोयाबीन के व्यंजन विधि ) | सुश्री पूर्णिमा |
श्री श्याम किशोर वर्मा श्री योगेश सोहनी |
श्री अभिषेक भारती |
6. | प्रश्न मंच |
डॉ संजीव कुमार घनश्याम चौहान |
डॉ संजय पांडे सुनील दांगी |
श्री श्याम किशोर वर्मा श्री रवि शंकर |
7. | हिन्दी प्रोत्साहन योजना 2023 |
अजय कुमार श्री संजय पांडे |
श्री रविशंकर श्री श्याम किशोर वर्मा श्री राकेश चन्द्र शाक्या |
डॉ निखिलेश पंड्या |
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उपरोक्त समस्त प्रतियोगिताओं में संस्थानके अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बडे उत्साह से भाग लिया तथा हिन्दी पखवाड़ा-2023 को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
क्र. | राजभाषा पत्रिका |
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4 | सोयवृतिका 2023 |
3 | सोयवृतिका 2022 |
2 | सोयवृतिका 2021 |
1 | सोयवृतिका 2020 |